ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 35
ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 35
ज्योति और कबीर की मुलाकात
ज्योति सबको कुछ दिन खामोश रहने के लिए केहती है जब तक देवांश बाहर नही आ जाता... दूसरी तरफ पटना मे ज्योति के घर मे उसकी बुआ उसपर इलज़ाम लगाती है और मज़ाक था केहकर टाल देती है.. इस बात पर दीपक बहुत गुस्सा होता है
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अब आगे
दीपक ज्योति का हाथ पकड़कर खींचते हुए उसे अपने कमरे में ले आता है और गुस्से में उस पर चिल्लाते हुए कहता है "तू पागल है क्या तुझे समझ नहीं आता वो तेरे कैरेक्टर पर सवाल उठा रही थी और तु मूर्खो की तरह सुन रही थी"
ज्योति आराम से दीपक के बेड पर बैठ जाती है और उसके लेपटॉप मे कुछ करते हुए केहती है "भईया एक बात बताओ क्या आपको माँ को पापा को मुझपे भरोसा है"
दीपक उसकी बात से इरीटेट होते हुए कहता है "हाँ है लेकिन इसका मेरी बात से क्या लेना देना है"
ज्योति आराम से अपना सर इधर उधर हिलाते हुए केहती है "जब आपको भरोसा है...माँ को भरोसा है, पापा को भरोसा है" फिर दीपक की आँखो मे देखते हुए सीरियस फेस के साथ केहती है "फिर कोई कुछ भी बोले मुझे फर्क नही पड़ता.. हम्म रिलेक्स"
और फिरसे लेपटॉप मे कुछ करने लगती है..
दीपक अपने हाथ अपने सीने पर बांधते हुए कहता है... "मेरा लेपटॉप है"
ज्योति आराम से काम करते हुए केहती है "हाँ मुझे मालूम है मैने कब कहा मेरी है" फिर लेपटॉप की स्क्रीन दीपक की तरफ करते हुए केहती है "हो गया आपका मेल टाइप चेक कर लो फिर सेंड कर देना मै जाती हूँ"
इतना केहकर ज्योति वहाँ से भाग जाती है... दीपक कभी ज्योति को देखता है कभी अपने लेपटॉप को फिर मुस्कुराते हुए केहती है "पागल लड़की"
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दिल्ली मे
"ऑब्रॉय इंडस्ट्रिज "
कबीर अपने ऑफिस मे बैठा पेपर वेट से खेल रहा था और कुछ सोच रहा था तभी एक आदमी अंदर आता है जिसने फॉर्मल कपड़े पहने थे कबीर उसे बैठने का इशारा करता है कबीर आराम से कहता है "बोलो"
वो आदमी कबीर के सामने एक फाइल करते हुए कहता है "ये है कैप्टन ज्योति पांडे की फाइल... एक बात समझ नही आ रही है अपने तीन साल के करियर मे ये सबसे ज़ादा फेमस है... और तो और पूरी इंडियन आर्मी इसे बचाने की कोशिश कर रही है.. सिर्फ इतना पता लगा पा रहे हैं की... ये आर्मी मे है और ये भी बहुत कम लोग जानते हैं"
कबीर कुछ सोचते हुए कहता है "इसे रोकने का कोई तरीका"
वो आदमी कहता है "हाँ इसका परिवार पटना रहता है इसका बड़ा भाई आपकी कंपनी मे काम करता है.... और छोटा भाई आर्मी मे है... बाप आर्मी से रिटायर है अगर उन्हे उठा लें तो काम आसान हो जायेगा"
कबीर कुछ सोचते हुए कहता है "ठीक है उसके घर मे शादी है हो जाने दो उसके बाद उसके बड़े भाई को उठा लेना.. लेकिन एक बात याद रहे उसको या उसके परिवार को कुछ नही होना चाहिए दोस्ती की है मैने उससे"
वो आदमी कहता है "ठीक है मै ध्यान रखूँगा" कबीर गुड कहता है और उस आदमी को वहाँ से जाने के लिए कहता है....
कबीर खिड़की के पास आकर खड़े हो जाता है और सोचने लगता है "याद है मुझे जब मै तुमसे पहली बार मिला था, लगा नही था हमारी दोस्ती यहाँ इस मुकाम पर पहुँच जायेगी" कबीर सोचने लगता है
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फ्लैशबैक
कुछ महीने पहले
कबीर हॉस्पिटल मे ओप्रेशन थिएटर मे लेटा था उसको गोली लगी थी कबीर का असिस्टेंट.... बाहर खडा वेट कर रहा था तभी डॉक्टर बाहर वहाँ आते हैं और कहते हैं "मिस्टर ओब्रोइ की तबियत बिगड़ती जा रही है.... और उनका ब्लड ग्रुप बहुत रेअर् है और O नेगेटिव हमारे ब्लड बैंक मे नही है.. आप जल्दी से जल्दी खून का एरेंजमेंट करिये नही तो हम उन्हे नही बचा पाएंगे"
कबीर का असिस्टेंट जिसका नाम नील है वो कहता है "डॉक्टर साहब मै कुछ.... "
नील बोल रहा था तभी पीछे से आवाज़ आती है "मेरा ब्लड ग्रुप O- है क्या मै कुछ मदद कर सकती हूँ"
नील जब पीछे मुड़ता है तो देखता है उसके सामने ज्योति खड़ी थी ज्योति हॉस्पिटल अपनी माँ की दवाइयाँ लेने आई थी लेकिन डॉक्टर को वहाँ देख वहाँ आ जाती है...
ज्योति को वहाँ देख नील कहता है "क्या आप कबीर सर को खून दे सकती हैं"
ज्योति एक मुस्कान के साथ केहती है "जी ज़रूर" ज्योति डॉक्टर के साथ अंदर चली जाती है....कुछ देर बाद ज्योति बाहर आती है और वही बेंच पर बैठ जाती है....उसे चक्कर से आ रहे थे और बहुत पसीना भी आ रहा था नील ज्योति को उस हाल मे देख डर जाता है और उससे पूछता है "क्या आप ठीक हैं... क्या मै डॉक्टर को बुला दूँ"
ज्योति उसे परेशान होता देख केहती है "आपको परेशान होने की ज़रूरत नही है... "मै ठीक हूँ और खून देने के बाद थोड़ी कमज़ोरी हो ही जाती है इसमे डरने की कोई बात नही है....मै ठीक हूँ"
कुछ देर बाद ज्योति वहाँ से चली जाति है... कबीर जब काफी हद तक ठीक हो जाता है नील उसे बताता है की किसी लड़की ने उसे खून दिया था तो कबीर कहता है "जो भी है उसे ढूंढो और मेरे सामने लाओ"
नील की बहुत कोशिश करने के बाद आखीर उसे ज्योति मिल ही जाती है नील ज्योति से रिक्वेस्ट करता है अपने साथ चलने के लिए तो ज्योति उसके साथ चली जाती है
ज्योति कबीर के पास जाती है और पूछती है "कैसे हैं आप अब"
कबीर ज्योति को देख बस देखता रह जाता है कबीर को जवाब ना देते देख ज्योति उसके सामने चुटकी बजाते ही फिर केहती है "अगर आपको कुछ नही कहना है तो क्या मै जा सकती हूँ"
कबीर खुद को संभालते हुए कहता है "नहीं... मतलब हाँ वो मुझे ये कहना था की नील से मुझे पता चला की आपने मुझे खून दिया है"
ज्योति कंफ्यूजन मे केहती है "हाँ तो"
कबीर कहता है "मुझे आपको शुक्रिया कहना था" इतना केहकर कबीर पैसों की गड्डी ज्योति की तरफ बढ़ा देता है... ज्योति पैसों की गड्डी को देखते हुए केहती है "मुझे तो लगा था आपको शुक्रिया कहना है... लेकिन आप तो कीमत लगाने लगे... लेकिन माफ करिये मिस्टर कबीर मेरा खून बिकाऊ नही है"
इतना केहकर ज्योति वहाँ से जाने लगती है तभी कबीर कहता "नही मेरा वो मतलब नही था... आप गलत समझ रही हैं"
ज्योति कबीर को तिरछी नज़र से देखते हुए केहती है "आपके हाथ मे पैसों की गड्डी है... और ज़बान से शुक्रिया फिर भी मै गलत समझ रही सही है"
कबीर अपने हाथ अपने बालों मे फेरते हुए कहता है "आप शब्दों से खेलना खूब जानती हैं.. वैसे माफ करिये गलती होगई मुझसे.... लेकिन क्या मै आपको डिनर पर ले जा सकता हूँ.... आपका.. शुक्रिया अदा करने के लिए"
ज्योति हस्ते हुए केहती है "ये आईडिया बुरा नही है" कुछ देर बात करने के बाद ज्योति वहाँ से चली जाती है...
अगले दिन दिल्ली के फेमस होटल मे कबीर बैठा ज्योति का वेट कर रहा था तभी ज्योति आती है और कबीर से केहती है "माफ करियेगा थोड़ा ज़रूरी काम था इसलिए देर होगई"
कबीर कुर्सी खींचते हुए कहता है "कोई बात नही बैठिये" ज्योति बैठ जाती है कुछ देर बातें करने के बाद और खाना खाने के बाद कबीर कहता है "वैसे अगर बुरा ना मानो तो क्या हम दोस्त बन सकते हैं
ज्योति मुस्कुराते हुए केहती है "हाँ ज़रूर लेकिन मेरी एक शर्त है"
कबीर झट से कहता है "बिल्कुल बताओ ना"
ज्योति सीधे केहती है "दोस्ती अगर सिर्फ दोस्ती तक ही रहे तो" कबीर कुछ देर खामोश रहता है फिर कहता है "ठीक है मंज़ूर है मुझे"
ज्योति हाथ आगे बढ़ाते हुए केहती है "फिर डन" कबीर भी ज्योति का हाथ थाम लेता है
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"फ्लैशबैक एंड"
कबीर बाहर देखते हुए कहता है "मैने दोस्ती की है निभाऊँगा ज़रूर लेकिन अगर तुम मेरे रास्ते आई तो माफ करना मुझे तुम्हे भी मारना होगा"
क्या करने वाला है कबीर ? जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लेक बेंगल्स मिलते हैं अगले चेप्टर मे
........... बाय बाय...........
madhura
11-Aug-2023 07:13 AM
Great
Reply
Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 01:02 PM
Nice part 👌
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Gunjan Kamal
29-Jan-2023 11:31 AM
शानदार भाग
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